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julien Millet की समीक्षा Rectorat de Paris et Versaille...
शर्म की बात है, छात्रों और शिक्षकों दोनों को संख्य...
शर्म की बात है, छात्रों और शिक्षकों दोनों को संख्या के रूप में देखा जाता है। जब रेक्टेरेट गलती करता है जो कर्मचारियों को दंडित करता है, तो यह कर्मचारियों पर निर्भर करता है कि वह कीमत चुकाए। इस ठंडे अक्षम नौकरशाही के पीछे कोई संचार संभव नहीं है और कोई मानवता नहीं है।
अनुवाद
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